जिंदगी तूने मुझे अपना जो समझा होता , मैं भी एक फूल था गर देखा होता, माना अकेली शाख का अधखिला सा नूर था, माना सुंदर कम महक से दूर था, कोशिश की मैंने तेरे गुलदस्ते का गुल बनूं, कम सही मगर कुछ देर तेरे साथ चलूं, मगर तू मगन रही महकते गुलों में, भूले से रहे हम तेरे गुलदस्ते के फूलों में, जिंदगी तूने मुझे अपना जो समझा होता।। योरकोट पर आपका स्वागत है। मैं आपकी लेखन सहयोगिनी 𝘠ourQuote Didi हूँ, YQ की ऑफिशियल हिंदी एडमिन। अपने लेखन यात्रा की शुरुआत करने के लिए इस पोस्ट के collab बटन पर क्लिक करें और अपने शब्द जोड़ें। मुझे आपके Quote का इंतज़ार रहेगा। #musingtime #ज़िन्दगीतूनेमुझे #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #firstquoteof2020