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मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश

मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि..

वो जब मेरे
छोटे से किचन में आटा गुंथा करें,
तो मैं उसकी लटकनों को संवारा करूँ..।
वो जब 
कभी उदास रहे तो,
उसे हँसाने के बहाने ढूंढा करूँ..।

सामने बैठकर वो बात
करती है तो अच्छी लगती है,
दिल करता है कि उसे सुनता रहा करूँ..
और उसका गुस्से में
अच्छा, ह्म्म्म, ओके..तो ठीक है,
पर मुस्कुराती है तो लगता है सजदा करूँ...।

सुनो...
तुम्हें कहना तो
बहुत कुछ है मुझे
पर जब सामने होती हो
तो दिल कहता है होठों को काबू करूँ...।

©Priyansh Sharma
  मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि..

वो जब मेरे
छोटे से किचन में आटा गुंथा करें,
तो मैं उसकी लटकनों को संवारा करूँ..।
वो जब 
कभी उदास रहे तो,
उसे हँसाने के बहाने ढूंढा करूँ..।

मेरी छोटी छोटी ख्वाहिशों में इक प्यारी सी ख़्वाहिश ये भी है कि.. वो जब मेरे छोटे से किचन में आटा गुंथा करें, तो मैं उसकी लटकनों को संवारा करूँ..। वो जब कभी उदास रहे तो, उसे हँसाने के बहाने ढूंढा करूँ..। #लव

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