कभी रूठ जाऊँ, तो तुम मुझे मनाने आना, कभी ख़्वाब देखूँ, तो तुम उसे सजाने आना, कभी अश्क़ छुए मेरे नैन को, तो तुम उसे चूमने आना, तुमसे पहले मैं मर जाऊँ, और तुम मुझे दफनाने आना। है इश्क़ बेपनाह तुमसे, मेरी दुआओं का है इबादत तू, तू है मेरी कहानी, इस रूह की है चाहत तू, पड़ जाए अगर जिंदगी सुनी मेरी, तो अपने ख्वाहिश से उसे उभारने आना, तुझसे पहले मैं मर जाऊँ, और तुम मुझे दफ़नाने आना। तू नुमाइश है मेरे हर जर्रे की, तुझसे ही मेरी वफ़ाई है, तेरे हँसने से मेरे कंगन खनके, तेरी चूड़ियों से भरी मेरी कलाई है। मेरी पायल की छनक सुनकर, मुझे चंदन सा महकाने आना, तुझसे पहले मैं मर जाऊँ, और तुम मुझे दफ़नाने आना। सुहाग की थाली सजाई थी, बोली थी- ज़रा घर जल्दी आना, न करना देर हमसफ़र, न करना कोई बहाना, तुम आये तो समय पर, शायद जल्दी मुझे था जाना, हाँ, तुमसे पहले मैं मर गयी, और तुम मुझे दफ़नाने आना। रँगी थी तेरे रंग में मैं, सजी थी तेरे ढंग में मैं, सोचा था जिंदगी तुझसे हरी होगी, सवरी थी तेरे संग में मैं, तू ही मेरी प्रीत, मेरी जीत है तू जानेजाना, हाँ तुझसे पहले मैं मर गयी, अब तुम मुझे दफ़नाने आना। न रोना तुम सनम, न जिंदगी में रुक जाना, चाहो तो निश्चिंत, अपनी जिंदगानी आगे ले जाना, हम तो राधाकृष्ण है, आसां न होगा अलग कर पाना, हाँ मैं तुमसे पहले मर गयी, सिर्फ तुम मुझे दफ़नाने आना। मैं तेरी धड़कन हूँ, मुश्किल होगा तुझसे अलग हो जाना, पर अब तो जा चुकी हूँ, बस अब तुम मुझे दफ़नाने आना।। #wu #writersunplugged ©Khushboo Kumari #wu #writersunplugged #Star