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ख़लिश है दिल में आया नहीं मेरा नाम लेकर बुलाया नहीं

ख़लिश है दिल में आया नहीं
मेरा नाम लेकर बुलाया नहीं

हैं बेचैन ऑंखें जलता है दिल
मैं उसके दिल में समाया नहीं 

तड़पती हैं रातें बेक़रार हैं दिन 
महीनों से सुरत दिखाया नहीं

घुटन से जीना मुहाल है अब
मगर मैंने आंसू बहाया नहीं 

दिल में अब है एक ख्वाहिश
बनूँ महबूब जिसको भाया नहीं

©Qamar Abbas #Darknightsoflifevivekanand Pooja Udeshi Classical gautam Rudra Pratap Singh Chauhan Radhey Ray रविन्द्र 'गुल' ek shayar
ख़लिश है दिल में आया नहीं
मेरा नाम लेकर बुलाया नहीं

हैं बेचैन ऑंखें जलता है दिल
मैं उसके दिल में समाया नहीं 

तड़पती हैं रातें बेक़रार हैं दिन 
महीनों से सुरत दिखाया नहीं

घुटन से जीना मुहाल है अब
मगर मैंने आंसू बहाया नहीं 

दिल में अब है एक ख्वाहिश
बनूँ महबूब जिसको भाया नहीं

©Qamar Abbas #Darknightsoflifevivekanand Pooja Udeshi Classical gautam Rudra Pratap Singh Chauhan Radhey Ray रविन्द्र 'गुल' ek shayar
kaajukala1866

Qamar Abbas

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