White धूप छाव छीन लेती है नदी नव छिन लेती है,कोई नहीं जाता कमने गरीबी गांव छीन लेती है ना वह दिल रहा ना वो रहमों कर्म हमने भुला दी वह जमी जहां जन्मे थे हम हमसे अच्छी तो उन परिंदों की जमात है बरसों बाद जिनको अपना आशिया याद है। ©Rj,Vishal Tiwari..! #Thinking