शब्द - अधूरी कहानी (Incomplete story) एक बार नजर क्या पड़ गई उन पर दिल भूल गया शेर-ओ-शायरी करना, सच कहें तो अकेले में खुद की परछाई से डरते थे फिर जाने कैसे सीख गए तेरी पनाह में रहना, कभी तो करवटें बदल बदल कर थक जाता है दिल लेकिन कहीं लगता नहीं, जाने कितना पसन्द है उसे तेरे पास रहना, एक रोज, किए टूट गए वादे, देखे टूट गए सपने जो साथ थे हर दम अब वो रूठ गए अपने, ये तो एक कारवां है जिन्दगी का कभी हमें मिले हैं काटें कभी धोखे खाये है हमनें, वो तो वक्त बुरा था जो हार गए हम वरना हमें भी आता है मौहब्बत पाख़ करना,,,, - ए.पी. बौद्ध 09:20 pm 29.10.2020 #incomplete_story ©A. P. bauddh #WatchingSunset