गलती सिर्फ और सिर्फ समाज की है, जो प्रेम के विद्यार्थी को कमउम्र समझ लेते है।। ये भी नहीं सोचते कि बच्चे ने स्कूल से चाक सिर्फ नाम लिखने के लिए चुराई है। प्रेम के बारे में समझना चाहता था, बस, लेकिन आपने उसे समझाया नहीं। आज शाम को मैं काफी दिनों बाद वाकिंग पर गया, उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्र में एक बालक जो शायद चौथी क्लास में पढ़ता होगा, जो सड़क पर कुछ इस तरह के वाक्यांश लिखते हुए मुझे नजर आया,, मैं चुपचाप देखता रहा । जब मैने उससे प्रश्न किया कि बेटा यह यहां पर क्यों लिख रहे हो, तो उसने कहा वो यहां से पानी भरने जाती हैं। इस उम्र को मद्देनजर रखते हुए, क्या बालक की इस तरह की मानसिकता सही है या गलत ,इसका जिम्मेदार कौन है?? पाश्चात्य संस्कृति या माता-पिता।। अपनी प्रतिकरियाएं जरूर देवे धन्यवाद् #YourQuoteAndMine