जब तुम मिलोगे,पहले देश की ही बात होगी। बाद में इश्क मोहब्बत की रात सौगात होगी।। जब तुम मिलोगी मुझसे, पूरी क़ायनात ही थम जायेगी, वक़्त का पहिया रूकेगा, तेरे-मेरे दीदार का साक्षी होगा। फ़लक में आफ़ताब-ओ-धरा, होंगे तरबतर अंकशायी, दरख्शाँ से महताब-ओ-हर देव आशीष आकांक्षी होगा। मचल कर आँसू भी लजा सजेंगे, तेरे-मेरे रुख़सार पर, बहेगी बयार सौरभ गुल-बुटा,चहचहाता मन-पक्षी होगा। #अशोककुमारकौशिकशौक #अलफ़ाज़_जो_लिखे_तेरी_याद_में