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आगे पढें #Numb #कहानीकार उसने बचपन से देखा था कि

उसने बचपन से देखा था कि बस स्टैंड सुनसान तब होता है जब कोई व्यक्ति की डेथ हो गई हों और सभी उसके दाग मे गए हों वो डरने लगी। की हों क्या रहा है अब गाड़ी घर के पास कुछ दूर पर ही खड़ी कर दी। क्योंकि घर थोड़ा मंदिर के पिछे था वहा गाड़ी पहले से ही खड़ी थी उसने ऐसा पहले भी देखा था की बाहर से कोई बैठने आता है तब ऐसी गाडी लाते हैं। उसने मंदिर के बाहर से भगवान को प्रणाम किया इतने मे ही पति ने कहा की तेरा छोटा भाई नहीं है। उसने सोचा कि जब हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं किया होगा। पुरा मोहल्ला सुनसान और साय साय

उसने बचपन से देखा था कि बस स्टैंड सुनसान तब होता है जब कोई व्यक्ति की डेथ हो गई हों और सभी उसके दाग मे गए हों वो डरने लगी। की हों क्या रहा है अब गाड़ी घर के पास कुछ दूर पर ही खड़ी कर दी। क्योंकि घर थोड़ा मंदिर के पिछे था वहा गाड़ी पहले से ही खड़ी थी उसने ऐसा पहले भी देखा था की बाहर से कोई बैठने आता है तब ऐसी गाडी लाते हैं। उसने मंदिर के बाहर से भगवान को प्रणाम किया इतने मे ही पति ने कहा की तेरा छोटा भाई नहीं है। उसने सोचा कि जब हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं किया होगा। पुरा मोहल्ला सुनसान और साय साय #ज़िन्दगी #numb #कहानीकार #kahanikaar

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