वो बरसात की रात वो रूख़-ए-महताब सिखाया मुझे लिखना इश्क़ ए किताब, वो महकी सी ख़ुशबु वो भीगी सी रात वो आब-ओ-हवा वो महबूब का साथ, वो जश्न-ए-इश्क़ वो महकी सी कशिश मुकम्मल होने आयी दिल में रखी हुई बात, पहलू में बैठ नज़रों से बातें करते रहें इश्क़ की सीढ़ी चढ़ते रहें ना गुज़र जाए रात PC:- pixhome #रिमझिम #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #yqdidi