इतना ऊपर उठ गया हूं और इतने सन्नाटे में हूं चिख कर अपने अन्दर का गुब्बार निकाल सकता हू अपने अन्दर भर रखा है हल्का कर रहा हूं फिर से हिम्मत के साथ ज़िन्दगी का सामना कर सकूं ©Babita Buch #गुब्बार