माना पत्थर जैसा हूँ ,पर तेरे लिए पिघल जाता हूँ। मैं चाहे कंकर हूँ ,तेरी मील का पत्थर बन जाता हूँ। तुझसे बड़ा या छोटा हूँ ,फ़िक्र में तेरी पड़ जाता हूँ। कभी लड़ूँ मैं तेरी ख़ातिर,कभी बात पे अड़ जाता हूँ। जायज़ नही जो कुछ भी,मैं उसके बीच की खाई हूँ। मैं आख़िर तो तेरा भाई हूँ ,हाँ!आख़िर तेरा भाई हूँ। माना पत्थर जैसा हूँ ,पर तेरे लिए पिघल जाता हूँ। मैं चाहे कंकर हूँ ,तेरी मील का पत्थर बन जाता हूँ। तुझसे बड़ा या छोटा हूँ ,फ़िक्र में तेरी पड़ जाता हूँ। कभी लड़ूँ मैं तेरी ख़ातिर,कभी बात पे अड़ जाता हूँ। जायज़ नही जो कुछ भी,मैं उसके बीच की खाई हूँ। मैं आख़िर तो तेरा भाई हूँ ,हाँ!आख़िर तेरा भाई हूँ। #happybrothersday #brotherhood #bhai #भाई #भाई_बहन #brothersister