इंसानियत ही वास्तविक धर्म है। ......✍️ महत्वपूर्ण कथन- धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। इसीलिए धर्म कभी बदलता नहीं है। . . . . आधुनिक समय का सबसे बड़ा रहस्य। आपकी नज़र में धर्म क्या है? आप इसे कैसे परिभाषित करते हैं?