यादों में भी तेरी ... यूँ ही नहीं सिमटा, हुआ हूँ मैं, कि अल्फाजों में मेरे दर्द, दर्द में शायरी और शायरी में तुुम!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ alfazon mein dard