"मेरा ये पैग़ाम भेजना उनको आखिरी सलाम भेजना," कि तुम होते तो यूँ सरेआम निलाम नही होते अल्फ़ाज़ मेरे दिल में ही दफ़न नही होते एहसास मेरे बारिश के माह में रूठे नही रहते जज़्बात मेरे इन बहारों से कभी यूँ तकरार नही होती मेरी जाना गर तुम होते तो क़लम उभरी ना होती मेरी सख्सियत यूँ निखरी ना होती मेरी अलमारी किताबों से भरी ना होती मेरी मेरा ये पैग़ाम भेजना #kumaripooja #poojameena