जो गुजर गया सो गुजर गया । गुजरे पल पर क्या आतुर रहना ।। नव निर्माण, सर्जन जीवन का बीते कल पर क्या व्याकुल रहना ।। माना ह्दय पीड़ा से हर पल युद्ध करता है । पंरतु जो घाव सजक हुआ उस पर क्या भावुक होना ।। जो गुजर गया सो गुजर गया । गुजरे पल पर क्या आतुर रहना ।। सांसो की अपनी रुचिका निरन्तर प्रवाह बंधन है। नव प्रात की बेला है नव रात्री का प्रबंधन है ।। जो गुजर गया सो गुजर गया । गुजरे पल पर क्या आतुर रहना ।। #devanshparashar#nojoto#google#youruntoldeords