अंधेरे से तो ड़र नहीं लगता फिर उजाले से क्यों डर लगता है अकेले होने से नहीं डरती मैं फिर किसी के साथ होने से क्यों डर लगता है खामोश रहने से नहीं डरती मैं फिर किसी से बात करने में क्यों डर लगता है रिश्ते निभाने से नहीं डरती मैं फिर उन्हें खोने से क्यों डर लगता है अजनबियों से नहीं डरती मैं फिर झूठे अपनों से क्यों डर लगता है #kuchsawaal #thought #shayari #poem #life #poetry #quotes #dreams #andhera #introvert #confusion #solitude #alone #problems