हर वक़्त हर बात पे मेरी निष्ठा ना तौलिये इन बिखरे हुए रिश्तों के लिये ख़ुद को टटोलिए निराश करती है हर एक बात में दिमाग़ की बात ना आजमाइए तहज़ीब को कभी दिल से बोलिये #निष्ठा