मन में था इश्क़ बहुत क्योंकि बदन छरहरे थे। नयनों में था इक स्वप्न जो उनके लिए सुनहरे थे। लबों पर नाम सिर्फ एक अंजली था उनके तब भी। जब दूर मिलों तक दिल पर जमाने के बस पहरे थे।। अंजली श्रीवास्तव