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मोहब्बत में ख़ुद को बदनाम करते रहे, जो चाहा दिल ने

मोहब्बत में ख़ुद को बदनाम करते रहे,
जो चाहा दिल ने वो काम करते रहे..!

इज़हार-ए-इश्क़ करना नहीं ज़रा भी मुश्किल,
हर कोशिश ज़माने की नाकाम करते रहे..!

मन के महल को ख़्यालों की तेरे,
कभी सुबह कभी शाम करते रहे..!

तुम्हें बना कर राधारानी अपनी,
ख़ुद को तुम्हारा श्याम करते रहे..!

पवित्र है प्यार करे घायल दिल का उपचार,
इश्क़ का इश्तिहार सरेआम करते रहे..!

तन्हा न गुज़रे दिन कहीं तेरे बिन,
ख़्वाबों को अपने क़याम करते रहे..!

तुम शायरी मेरी पसंदीदा सबसे,
जिसकी प्रसिद्धि को हम अपना इनाम करते रहे..!

©SHIVA KANT(Shayar) #girlfriendproposeday #izharemohabbat