"शहीद की जुबानी " जीवन हमारा शत्रु के लिए ललकार बने ! शहादत भी हमारी अब हाहकार बने !! कब चाहा हमने फूलों सा जीवन ! हमारा हर कदम तलवार की धार बने !! हँसते -हँसते मर मिटे देश पर ! होकर न्यौछावर एक पुकार बने !! कब से सोये हैं जो गहरी नींद में ! जगाने उन्हें बारुद का वार बने !! हो जाये कुर्बान इस मिट्टी की खातिर ! इंकलाब की आग में तपकर अंगार बने !! कर बलिदान सर्वस्व हो जाये अमर ! शहादत भी स्वतंत्रता का आधार बने !! खुशी -खुशी लगा ले मौत को गले कि ! फांसी का फंदा भी फूलों का हार बने !! #yqdidi #yqhindi #yqdesh_bhakti #आजादी #शहीदीदिवस #शहादत