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घाव हैं जो हरे वो सिले ज़िन्दगी, फूल जैसे हमारी खि

घाव हैं जो हरे वो सिले ज़िन्दगी,
फूल जैसे हमारी खिले ज़िन्दगी,
दुनिया संवरकर सम्भल फिर सके ,
थोड़ी सी मोहलत मिले ज़िन्दगी।

©देवेश द्विवेदी 'देवेश' #ज़िन्दगी 
#मोहलत

#थोड़ी_सी_मोहलत_मिले_ज़िन्दगी
घाव हैं जो हरे वो सिले ज़िन्दगी,
फूल जैसे हमारी खिले ज़िन्दगी,
दुनिया संवरकर सम्भल फिर सके ,
थोड़ी सी मोहलत मिले ज़िन्दगी।

©देवेश द्विवेदी 'देवेश' #ज़िन्दगी 
#मोहलत

#थोड़ी_सी_मोहलत_मिले_ज़िन्दगी