ज़िन्दगी गुज़ार दी नोटों को गिनते-गिनते... पैसों का हिसाब भी जो रखना था। भूल गए वो हिसाब उस दिन, जिस दिन हिसाब उन्हें कहना था।। चोरी भी तो हुई ऐसी घर में कि अब उन हिसाबों का भी क्या करते ?? गर बची हुई चीज़ों का हिसाब लग भी जाता, चुराई गईं चीज़ों का हिसाब क्या करते ?? ~(Saarthak Kachroo) ✍️ ©Saarthak Kachroo Ghar mai chori ✍️ #Night