दिल में लगी है ये कैसी आग कैसे बुझेगी दिल की प्यास समंदर में तो है पानी ही पानी किसे पता मेरे आंखों में उससे ज्यादा नमी रात भर रही तनहाई की के साए बेजुबा दिल सुलघती रही कौन जाने कल सुबह होगी कि नहीं!! # कौन जाने कल सुबह होगी कि नहीं ...