सब कुछ मेरे साथ है मगर, तू नही वोही दिन वो रात है मगर, तू नही वोही शाम का ढलता सुरज , वो ही टूटते सितारे ,फिर तन्हा मेरी रात है मगर, तू नही जिन्दगी के जिस मोड पर साथ छोड गया ,खडा हुँ आज भी उसी मोड पर मगर, तू नही वो वक्त जो गुजरा था तेरा साथ कभी मेरे दोस्त रुके वही लम्हात हैं मगर, तू नही तू नही तू नही 😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔