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रचना नंबर –5 लक्ष्य (काव्य सरंचना) एक लक्ष्य सही

रचना नंबर –5 लक्ष्य (काव्य सरंचना)

एक लक्ष्य सही दिशा में होना चाहिए 
नहीं तो मानव जीवन जीना है व्यर्थ
दिशाविहीन लक्ष्य किसी काम ना आता
जीवन को बस गुमराह है करता
चिंता नहीं होनी चाहिए फल की
लक्ष्य के साथ मेहनत अपना काम
जब तक ना मिल जाए सफलता
जीवन में चलते रहना  
थकना नहीं रुकना नहीं 
मिले चाहें असफलता या हों सफल
गाँधी और विवेकानंद ने यही ज्ञान बतलाया
जिसने रखा लक्ष्य सही दिशा में वो कामयाब हो पाया
 #rzहिंदीकाव्यसम्मेलन 
#restzone 
#rzकाव्यसंरचना 
#collabwithrestzone 
#similethoughts 
#yqrz
#yqdidi
#rzhindi
रचना नंबर –5 लक्ष्य (काव्य सरंचना)

एक लक्ष्य सही दिशा में होना चाहिए 
नहीं तो मानव जीवन जीना है व्यर्थ
दिशाविहीन लक्ष्य किसी काम ना आता
जीवन को बस गुमराह है करता
चिंता नहीं होनी चाहिए फल की
लक्ष्य के साथ मेहनत अपना काम
जब तक ना मिल जाए सफलता
जीवन में चलते रहना  
थकना नहीं रुकना नहीं 
मिले चाहें असफलता या हों सफल
गाँधी और विवेकानंद ने यही ज्ञान बतलाया
जिसने रखा लक्ष्य सही दिशा में वो कामयाब हो पाया
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