मन मृग बन, बन उपवन भटके प्रियतम के। प्रेम मरीचिका में प्रिय तुम, प्यास बनी, पर स्वास अधर में अटके जीवन घट के।। ©Raj #प्रिय #प्यास #बन #मृग #जीवन #hangout