अंधियारे को दूर भगाकर रौशन किया जहां अनमोल रत्न दिया है सबको जिन्होंने देकर ज्ञान । सच कहूं ईश्वर से पहले है जिनका स्थान श्री गुरु के चरण कमलों में मेरा सादर प्रणाम ।। ©Amit गुरुवर