मिट्टी से रंगे है हाथ बेश़क पर ये ईमान की खाता है, कुम्हार अंधेरों को चीरने के लिए दीपक बनाता है|| छोटा सा दीया जब लड़ लेता है विशाल अंधेरे से, तो क्यों ये हष्ट पुष्ट इंसान अंधेरे से इतना घबराता है|| © जय कुमार मिट्टी से रंगे है हाथ बेश़क पर ये ईमान की खाता है, कुम्हार अंधेरों को चीरने के लिए दीपक बनाता है|| छोटा सा दीया जब लड़ लेता है विशाल अंधेरे से, तो क्यों ये हष्ट पुष्ट इंसान अंधेरे से इतना घबराता है|| © जय कुमार