हसरत ऐ दिल कुछ कर जाने की अब होश ही कहाँ बस चाहत है तुझमें गुम हो जाने की ऐ दिल तू फिक्र क्यों करता है जमाने की बस हसरत है ऐ दिल कुछ कर जाने की दरिया तो बहुत बड़ा है बस तू हौसला कर ऐ दिल तर(पार) कर जाने की ऐ दिल तू फिक्र क्यो करता है जमाने की दरिया तो बहुत कोशिश करेगा तुझे बहाने की अगर है इरादे तेरे पक्के तो ऐ दिल जरूरत नहीं तुझे किसी बहाने की बस तू कोशिश तो कर सही जरूरत नहीं तुझे घबराने की दरिया तो बहुत बड़ा है बस तू हौसला रख ऐ दिल तर (पार)कर जाने की हसरत ऐ दिल में कुछ कर काने की अब होस ही कहाँ बस चाहत है तुझमें गुम हो जाने की #nirash #notjopoem#दरिया Kajalife.... My_Words✍✍ 《silent 🔇 》🌟☆PR ☆🌟 Suman Zaniyan