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मेरी पेहचान , मेरी सुरत और मेरी आवाज ठिकसे दिमाग म

मेरी पेहचान , मेरी सुरत और मेरी आवाज ठिकसे दिमाग में बीठा लो,
अब से ये शकसियात सिर्फ यादो में मिलेगी,
कोई शिकवा गिला नहीं आपसे,
बस खूदको ढुंढना है आपको अलविदा केह के,
अब रुबरू होंगे आपसे तब , जब नई पेहचान होगी।
मेरी पेहचान , मेरी सुरत और मेरी आवाज ठिकसे दिमाग में बीठा लो,
अब से ये शकसियात सिर्फ यादो में मिलेगी,
कोई शिकवा गिला नहीं आपसे,
बस खूदको ढुंढना है आपको अलविदा केह के,
अब रुबरू होंगे आपसे तब , जब नई पेहचान होगी।