"मेरे शहर में कुछ ऐसे लोग मिले जो दिल में उतर गए और कुछ ऐसे मिले जो दिल से उतर गए मुश्किलों में थामा हाथ अनजानो ने पहचान वाले साफ मुकर गए,,,, दुनिया की भीड़ में कुछ अनजाने मिलते हैं।कुछ परवाने मिलते हैं। शौक आजमाइश के कुछ दीवाने मिलते हैं। सरफिरे मस्ताने मिलते हैं। हर किसी की अपनी ही डगर है। खुद से ज्यादा ना किसी की फिकर है। दिखावे बाजी का शौक रखती है दुनिया ! झूठ फरेब के नकाब पहने रखती है दुनिया ! दर्द में हिस्सेदारी की दो बोल मीठे लेप करती है दुनिया!