Nojoto: Largest Storytelling Platform

काफ़ी समय से , इस तालाश में हूं । कोन है वो , अनजा

काफ़ी समय से , इस तालाश में हूं ।
कोन है वो , अनजान स सोचूं ।
पीछे आए , जहां भी जाऊं ।
एहसास-ए-अकेलेपन , न मन पाऊं ।

काली , न ख़त्म होने वाली अंधेरी रात ।
चाहे हो मन में रावां , या दिल के बाहर ।
वो परछाईं है , बसती सबके साथ ।
कभी फरेबी न होती , हैं ये राहत ।

सही या ग़लत , इमान का फ़ैसला ।
इंसान-ए-फितरत , बदल सकता ।
पर रूह-ए-साये को , दाग़ लगने नहीं देगा ।

©Anuradha Sharma #shadow #parchaai #humanity #shayri #urdu #urdupoetry #thoughts #yqquotes   #Nojoto 

#Shadow
काफ़ी समय से , इस तालाश में हूं ।
कोन है वो , अनजान स सोचूं ।
पीछे आए , जहां भी जाऊं ।
एहसास-ए-अकेलेपन , न मन पाऊं ।

काली , न ख़त्म होने वाली अंधेरी रात ।
चाहे हो मन में रावां , या दिल के बाहर ।
वो परछाईं है , बसती सबके साथ ।
कभी फरेबी न होती , हैं ये राहत ।

सही या ग़लत , इमान का फ़ैसला ।
इंसान-ए-फितरत , बदल सकता ।
पर रूह-ए-साये को , दाग़ लगने नहीं देगा ।

©Anuradha Sharma #shadow #parchaai #humanity #shayri #urdu #urdupoetry #thoughts #yqquotes   #Nojoto 

#Shadow