Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपने ख़ूबसूरत सपनों का, इक जहाँ बसाना होगा। जहाँ हम

अपने ख़ूबसूरत सपनों का, इक जहाँ बसाना होगा।
जहाँ हमारी ख़ुशियों का, ख़ूबसूरत खज़ाना होगा।

होगी न कोई तक़लीफ़, न उलझनों का फ़साना होगा।
ख़ुशियों से सराबोर ज़िंदगी में, हरपल मुस्कुराना होगा।

ख़्वाहिशों को अपनी परवाज़ देंगे, ग़मों को भुलाना होगा।
हँसकर बीतेगी अब ज़िंदगी, अब हर मौसम सुहाना होगा।

क्या ग़मों की धूप वहाँ तो, चाहत का नजराना होगा।
अब तो हमारे आँगन में, ख़ुशियों का आना-जाना होगा।

होगी मोहब्बत की बरसात वहाँ, सुकून का तराना होगा।
'साहिल' तेरी इन ख़्वाहिशों का, कहीं तो आशियाना होगा।  ❤ प्रतियोगिता- 333

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
अपने ख़ूबसूरत सपनों का, इक जहाँ बसाना होगा।
जहाँ हमारी ख़ुशियों का, ख़ूबसूरत खज़ाना होगा।

होगी न कोई तक़लीफ़, न उलझनों का फ़साना होगा।
ख़ुशियों से सराबोर ज़िंदगी में, हरपल मुस्कुराना होगा।

ख़्वाहिशों को अपनी परवाज़ देंगे, ग़मों को भुलाना होगा।
हँसकर बीतेगी अब ज़िंदगी, अब हर मौसम सुहाना होगा।

क्या ग़मों की धूप वहाँ तो, चाहत का नजराना होगा।
अब तो हमारे आँगन में, ख़ुशियों का आना-जाना होगा।

होगी मोहब्बत की बरसात वहाँ, सुकून का तराना होगा।
'साहिल' तेरी इन ख़्वाहिशों का, कहीं तो आशियाना होगा।  ❤ प्रतियोगिता- 333

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I