वह हर एक शाम बाज़ार में दीवाली होती थी......., जब पिताजी ऊंगली पकड़ साथ .... बाज़ार ले जाया करते थे... अब महज़ यादें हैं इस बाज़ार में, दीवाली...???? अरसा हुआ.... ..piyush dattani वह हर एक शाम बाज़ार में दीवाली होती थी......., जब पिताजी ऊंगली पकड़ साथ .... बाज़ार ले जाया करते थे... अब महज़ यादें हैं इस बाज़ार में, दीवाली...???? अरसा हुआ......