मिलकर आप से लगा, जैसे जन्नत सी मिली, मेरी इस वीरान सी जिंदगी में, प्यार के फूल खिले। पहेले जिंदगी का कुछ मकसद नहीं था, बस सिर्फ साँसे चल रही थी, तेरे आगमन से मुझे, जीने का मकसद मिल गया। बिन आरज़ू , बिना जुस्तजू, बिना जज़्बात, बिना एहसास, कुछ ऐसी थी मेरी जिंदगी, तू जो मिला तो, मुझे मेरी ख्वाहिशों का पिटारा मिला। मिलकर आप से, लगा जैसे मेरे बीते जन्म का, लम्हा मिला हो मुझे, तेरी एहसासों से लगा, जैसे कोई पुराना साथी मिला मुझे, तू मिला तो इस प्यासी को मिला, रेगिस्तान में भी पानी का कुंआ। तू जो मिला तो, मुझे जिंदगी का पहरेदार मिला, तेरे जज़्बातों से घिरी मे, बस तुझमे ही खोने लगी मे। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-817 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।