आज फिर बीच डगर पर खड़ी हूँ मैं एक तरफ़ कुछ महीनों की मोहब्बत तो दूजी राह पर अपनो का प्यार हैं दिल - ओ - दिमाग जंग मे मशरूफ हैं सही राह चुनने का मुझमे फितूर हैं ये अपनी और अपनो की खुशी दो अलग राहो पर खड़ी हैं किस राह जाऊ ये दुविधा बड़ी हैं दिल - ओ - दिमाग में ये कैसी जंग छिड़ी हैं। ©Shatakshi #confusinglove #girlslife #yqbaba #yqhindi #escriptor_trodde