एक बार तो मिलो कमसे कम रूबरू होक ये कहने के लिए ही की अब नहीं मिल सकते अच्छा छोड़ो कुछ ना कहना तुम बस मिल लो , अब भी तुम्हारी नज़रे पढ़ सकता हुँ समझ जाऊँगा तुम्हारी उलझनों को समझ जाऊँगा तुम्हारी संवेदना भरी आँखो को अच्छा कोई बात नहीं शायद ना मिलना भी कोई मज़बूरी होगी फ़ोन तो कर सकती हो तुम्हारी ख़ामोशी में भी कोई निष्कर्ष निकाल ही लूंगा पर कैसे बताऊँ तुम्हे ये सारी बातें तुम हो कहाँ सुनने के लिए खैर कोई नहीं मैं खुद के सवाल अपने गलतियों पे बना लूंगा शायद जवाब बना लेना आसान होगा #yqbaba #yqdidi #yqhindi #संवेदना #मुलाक़ात #सवाल