जन्मदिवस की उज्जवल कामना लिए, शत् शत् करबद्ध प्रणाम मै करता हूँ, हे दिव्य सुता, हे माँ जानकी सम हरिप्रिया, मै नत् मस्तक कर चरण वंदन करता हूँ अलौकिक दिव्य आभा,मुखमंडल साजे, स्वर्णिम सिंदूरी सूर्य प्रभा तिलक ललाट राजे, माथे सोहे चंचल चंद्रिका सी मनोहर बिंदिया, कंठ पे नाचे मनमोहक मृदुल मनमोहन बाँसुरिया, केश हैं कारे बदरा जैसे,मेघों का जैसे मेघालय, सुंदर सुकोमल रजत वर्ण काया ऐसे चमके, जैसे पूरणमाषि मे चंद्रकांति धरती पे छिटके, निश्छल,निर्मल,मधुर-पीयूष अस्तित्व सुहावन, भूमण्डल पर बिखरे जैसे वर्षा जल मनभावन, जन्मदिवस की उज्जवल कामना लिए, शत् शत् करबद्ध प्रणाम मै करता हूँ, हे दिव्य सुता, हे माँ जानकी सम हरिप्रिया, मै नत् मस्तक कर चरण वंदन करता हूँ अलौकिक दिव्य आभा,मुखमंडल साजे, स्वर्णिम सिंदूरी सूर्य प्रभा तिलक ललाट राजे, माथे सोहे चंचल चंद्रिका सी मनोहर बिंदिया,