ऐ कवि कविता नही अपने मन की व्यथा लिखो, आज लिखो और कल लिखो । आने वाली पीढ़ियों की नई दिशा लिखो, ऐ कवि कविता नही अपने मन की व्यथा लिखो। लिखते हो क्या महलों को झोपड़ियों की किस्सा लिखो, किसानों की दुर्दसा लिखो । गरीबों की चिंता लिखो, ऐ कवि कविता नही अपने......... नेताओं की मनोकांछा लिखो, देश द्रोहियों की गद्दारी लिखो। मिडिया की चतखोरी लिखो, ऐ कवि कविता नही अपने........ लिखते हो क्या धर्मों को मानवता प्रन्सशा लिखो, आनेवाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा का उद्देश्य लिखो। ऐ कवि कविता नही दुनिया के लिए नई दिशा लिखो, ऐ कवि कविता नहीं अपने............. चाँद और मंगल के साथ - साथ धरती से जुड़े रहने की महत्वकांछा लिखो, आधुनिकता के साथ - साथ प्राचीनता की कथा लिखो। इस परायी सी दुनिया में अपनों की दशा लिखो, ऐ कवि कविता नहीं अपने............... इस कम्प्यूटर की दुनियां में दादी- नानी के किस्से लिखो, अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए कुछ ऐसा लिखो। आने वाली पीढ़ियों के लिए नई दिशा लिखो, ऐ कवि कविता नही अपने मन की व्यथा लिखो। रचयिता- मालीग्राम यादव #साहित्य