इस कदर तोड़कर गयी वो दिल दिलसे आवाज़ तक नहीं आयी उसकी यादें तो रोज़ आती हैं वो मगर आज तक नहीं आयी --प्रशान्त मिश्रा वो मगर आज तक नहीं आई