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।। ॐ ।। स तस्मिन्नेवाकाशे स्त्रियमाजगाम बहुशोभमा

।। ॐ ।।

स तस्मिन्नेवाकाशे स्त्रियमाजगाम
 बहुशोभमानामुमां हैमवतीं तां होवाच किमेतद्यक्शमिति ॥

वह (इन्द्र) उसी आकाश में अनेक रूपों में भासित हो रही एक स्त्री के समीप आया जो हिमवान् शिखरों की पुत्री 'उमा' है। वह उमा से बोला, ''यह बलशाली यक्ष क्या था?

He in the same ether came upon the Woman, even upon Her who shines out in many forms, Uma daughter of the snowy summits. To her he said, “What was this mighty Daemon?”

केनोपनिषद तृतीय खण्ड मंत्र १२ #केनोपनिषद #उपनिषद #उमा #हिमवंती #इन्द्र #यक्ष #बलशाली
।। ॐ ।।

स तस्मिन्नेवाकाशे स्त्रियमाजगाम
 बहुशोभमानामुमां हैमवतीं तां होवाच किमेतद्यक्शमिति ॥

वह (इन्द्र) उसी आकाश में अनेक रूपों में भासित हो रही एक स्त्री के समीप आया जो हिमवान् शिखरों की पुत्री 'उमा' है। वह उमा से बोला, ''यह बलशाली यक्ष क्या था?

He in the same ether came upon the Woman, even upon Her who shines out in many forms, Uma daughter of the snowy summits. To her he said, “What was this mighty Daemon?”

केनोपनिषद तृतीय खण्ड मंत्र १२ #केनोपनिषद #उपनिषद #उमा #हिमवंती #इन्द्र #यक्ष #बलशाली