इश्क़ आज भी है मगर वो नहीँ है... इश्क़ करने के लिए उसका पास होना भी तो , ज़रूरी है..कि जब मैं उसकी आँखों में समंदर से ग़हरी अपने लिए मोहोब्बत देखता हूँ.. तो दिल मचल जाता है दुनियाँ से बग़ावत करने के लिए .... कि जब उसके सुर्ख़ होंठ मेरे माथे को चूम लेते है ... तो लगता है कि उसके माथे की हर शिकन को दूर करना अपना मक़सद बना लूँ... जब उसका वज़ूद मेरी बाहों में आकर बिखरता है तो लगता है की सारे जहाँ की ख़ुशियाँ उसके क़दमो में बिछा दूँ... ये ईश्क़ हर किसी को नसीब नहीं होता .. .ये इक सौदा है..... ज़िंदगी और मंज़िलो के बीच का... जीत जाओ तो मोहोब्बत में मज़िल आपकी.. हार जाओ तो दर्द ,ग़म और तन्हाई आपकी.. इसलिए तो इश्क़ आज भी है मग़र वो नहीं है #ईश्क़ #आज#हैं#मग़र#वो#नहीं#है