माना मैं अनजान हूं तेरी गलियों से नहीं -२ इश्क, मोहब्बत ए सारी बेकार है । इसके बिना जीना नहीं, माना मैं अनजान हूं तेरी गलियों से नही ।। ©क्षत्रिय चंद्रवंशी #क्षत्रिय_चंद्रवंशी