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खामोशी से बिखरना आ गया है, हमें अब खुद उजड़ना आ गय

खामोशी से बिखरना आ गया है, हमें अब खुद उजड़ना आ गया है, किसी को बेवफा कहते नहीं हम, हमें भी अब बदलना आ गया है, किसी की याद में रोते नहीं हम, हमें चुपचाप जलना आ गया है, गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो, हमें कांटों पे चलना आ गया है।

©sing with gayatri
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