मैं अडिग हूँ जैसे, मैं अडिग हूँ वैसे ही जैसे, अडिग है अपने स्थान पर विंध्याचल, अपनी प्रतिज्ञा पर अडिग थे देवव्रत, और अपनी वाणी पर अडिग था राधेय..! मैं अडिग हूँ ठीक वैसे ही जैसे, सुदूर आकाश में नक्षत्रों के मध्य अडिग है ध्रुव अपने वचन पर अडिग था बलि और, दशनान लंकेश अटल रहा अपने मान पर हे राम सुनो..! मर जाऊँगा पर धाम में अपने जीते जी तुम्हें प्रवेश करने नहीं दूँगा..! अडिग थी झांसी की रानी अपने कर्म पर अपने वचन और अपनी मातृभूमि के लिए कतिबध थी अपने समर्पण से, वैसे ही मैं भी अडिग हूँ हाँ..! मैं भारत माँ का लाल अपने इरादे पर अडिग हूँ मर जाऊँगा पर..! मरने के बाद भी तुमको भारत से खदेड़ कर ही सुकूँ पाऊँगा..!! शिप्रा पाण्डेय 'जागृति' ©Kshipra Pandey #अडिग हूँ #shaheeddiwas #Bhagat Singh