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"अभिव्यक्ति-2" // पंचतत्व // भूमि, आकाश, अग्नि,

"अभिव्यक्ति-2"  // पंचतत्व //

भूमि, आकाश, अग्नि, जल और पवन, 
ये पंचतत्व से मिलकर बनता है जीवन। 
"भूमि"   हमें     है     सबकुछ    देती ,
देखो  बदले  में  हमसे  कुछ  न  लेती । 
"आकाश" है बड़ा विशाल,कहाँ से शरू 
कहाँ अंत है, ये नील गगन तो अनंत है। 
"पवन"  के   ये   छोंके   हमको  रमायें,
सर - सर   जब     ये     बहता   जाये । 
"जल"   मृदुल   है,   जल   शीतल  है । 
कल-कल जब ये बहता, इसके बिना न
जीवन चलता, ये तो है अमृत की धारा।
"अग्नि" की  हम दीप जलाते , पवित्रता   
की कसमें खाते, विकराल रूप में जब ये 
आये,  जलकर   सब भस्म भी कर जाये। 
"इस   ब्रह्मांड   में   जो   भी   जीव   है , 
पंचतत्व  ही  उसकी  जीवन की नींव है।"  #अभिव्यक्ति_2
#पवन_अग्नि_जल_भूमि_आकाश 
#pnpabhivyakti2 #pnphindi #collabwithpnp #pennpopcorn 
#pnp021020
"अभिव्यक्ति-2"  // पंचतत्व //
भूमि, आकाश, अग्नि, जल और पवन, 
ये पंचतत्व से मिलकर बनता है जीवन। 
"भूमि" हमें है सबकुछ देती, देखो बदले
"अभिव्यक्ति-2"  // पंचतत्व //

भूमि, आकाश, अग्नि, जल और पवन, 
ये पंचतत्व से मिलकर बनता है जीवन। 
"भूमि"   हमें     है     सबकुछ    देती ,
देखो  बदले  में  हमसे  कुछ  न  लेती । 
"आकाश" है बड़ा विशाल,कहाँ से शरू 
कहाँ अंत है, ये नील गगन तो अनंत है। 
"पवन"  के   ये   छोंके   हमको  रमायें,
सर - सर   जब     ये     बहता   जाये । 
"जल"   मृदुल   है,   जल   शीतल  है । 
कल-कल जब ये बहता, इसके बिना न
जीवन चलता, ये तो है अमृत की धारा।
"अग्नि" की  हम दीप जलाते , पवित्रता   
की कसमें खाते, विकराल रूप में जब ये 
आये,  जलकर   सब भस्म भी कर जाये। 
"इस   ब्रह्मांड   में   जो   भी   जीव   है , 
पंचतत्व  ही  उसकी  जीवन की नींव है।"  #अभिव्यक्ति_2
#पवन_अग्नि_जल_भूमि_आकाश 
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#pnp021020
"अभिव्यक्ति-2"  // पंचतत्व //
भूमि, आकाश, अग्नि, जल और पवन, 
ये पंचतत्व से मिलकर बनता है जीवन। 
"भूमि" हमें है सबकुछ देती, देखो बदले