अकेला हूं, तन्हा हूं, पर मजबूर नहीं हूं। सफ़र में हूं, राह में हूं, पर मंज़िल नहीं हूं। किसी का खास हूं, जज़्बात हूं, पर प्यार नहीं हूं। रिश्ते में हूं, दोस्ती में हूं, पर अपना किसी का नहीं हूं। कुछ दिलो में धड़कता हूं, कुछ के दिमाग के खटकता हूं, पर उम्मीद नहीं हूं। किसी की यादों में हूं, बातों में हूं, पर अहसास नहीं हूं। किसी की दिल में हूं, रूह में हूं, पर ज़िन्दगी नहीं हूं। ©Subhash Dhruw:) #Life_experience #nojoto #NojotoFamily #subhashdhruw #freebird