एक किसान हूं मैं , किसान ही रहने दो । इसी मिट्टी का हूं , भारत जात का हूं । अपना हक , अपनों से ही मांगा हूं मै ।। इसी देश का हूं , ख़ाली पेट , सर झुकाए... बंजर ज़मीन पर , देश की उन्नति बोया हूं ।। कलंकित हुआ हूं , सर झुकाए खुद को कोष रहा हूं । रुक भी जाऊ , तो कहां सोचूं मै ? अपने तिरंगे को गिरते देखा हूं मै ।। भीड़ के दौड़ में , मेरा वजूद पिछे रह गया । आगे देखा , खालिस्तानी मेरा अस्तित्व किले से फैंक रहा ।। What can we say to others when we have forgotten the value of our own soil? With the help of this flag, we are called Indians. So how can you uproot your own roof? #incident #republicday #antinational #india #flag #broken_heart #yourquotebaba #yourquotedidi