तुझे दीपक-सा ,जलना भी होगा। तुझे काटो पर ,चलना भी होगा। तुझे फूलों-सा,खिलना भी होगा। तुझे लहरों-सा, उठना भी होगा। तुझे करना ही होगा।। अगर आज अंधेरा है, तो कल सवेरा भी अगर आज तेरा है,तो कल मेरा भी अगर आज गिरा है,तो कल उठेगा भी अगर आज समन्दर है ,तो कल किनारा भी! तुझे करना ही होगा।। कसम है तुझे! उन आसुओं से भरी आंखो की। कसम है तुझे! उन दुआओ में उठे हाथो की। कसम है तुझे!उन प्यार भरी बातों की। कसम है तुझे! उन बैचेन रातो की। तुझे करना ही होगा।। सूरज जैसा बनना है,तो सूरज जितना जलना होगा नदियों जैसा आदर पाना है, तो पर्वत छोड़ निकलना होगा तुझे करना ही होगा।। तुझे करना। ही होगा